A visit to Zamrudpur - जमरुदपुर बस्ती यात्रा
ज़म्रदपुर एक ऐसी जगह है जहा एक तरफ बड़े बड़े घर कोठियाँ है वही दूसरी तरफ एक कमरे के मकान और झुगियाँ है । एक कमरे के माकन में 7 सदस्य , 70 लोग एक ही बाथरूम और टॉयलेट इस्तेमाल करते है । किशोरियों ने बताया की वो बाहर कपडे पहन कर नाहती है । आप घरो में जायेगे तो 1 6 से 2 2 उम्र की किशोरियाँ घरो का काम करते हुए या बच्चे पालते हुए नज़र आएगी । बच्चे भी एक नहीं 4 से 5. एक 2 1 साल की लड़की से मै मिली मैंने कहा इतनी कम उम्र में 3 बच्चे और चोथा पेट में क्यों ,इस महगाई मै कैसे पाल पाउगी बच्चों को ? उसका जवाब - "माता - पिता ने 16 साल में शादी करवा दी , पता ही नहीं था बच्चे क्या करने से होते है , इसी तरह 3 बच्चे हो गये अब समझ आया है तो ये आखरी बच्चा है अब इसके बाद नसबंदी करवा लूगी ताकि और बच्चा ना हो" ।
ये तो थी जम्रुदपुर के घरो का हाल चलिए मै आपको बताती हूँ जब में लड़कियों के घर गयी तो किस तरह का अनुभव रहा मेरा ।
शुरुवात याश्मिन के घर से हुई । एक कमरे का माकन पर बाथरूम और टॉयलेट उनका अपना है। घर में 3 भाई और याश्मिन अपने माता - पिता के साथ रहती है। परिवार की लाड़ली है याश्मिन। घर में घुसते ही अंकल ने हमसे बात शुरू कर दी , उन्होंने बताया की वह बीमार रहते है , घर की हालत भी ठीक नहीं है , हम तो याश्मिन को कंप्यूटर सिखाने की सोच भी नहीं सकते थे । आप लोगो की मदद से वो कंप्यूटर और इतनी अच्छी अच्छी बाते सिख रही है । याश्मिन हमे सब बताती है की आपके सेण्टर में उसे क्या क्या सिखाया जाता है । अल्हा आपको लम्बी उम्र दे इतने अच्छे काम करने के लिये । फिर उन्होंने मुझसे सारे पढ़ाने वाले अध्यापकों के बारे में थोडा जाना , वो लोग कौन है , मैंने बताया मैथ और साइंस पढ़ाने वाले बच्चो को पढ़ाना चाहते है इसलिए वो हर हफ्ते बिना हमसे कुछ लिए बच्चों को पढ़ाने आते है , कंप्यूटर मे पढ़ाती हूँ और इंग्लिश हमारी 2 ऑफिस की सदस्य पढ़ाती है। कुछ ही देर में अंटी भी वहां आ गयी । उन्हें भी बहुत अच्छा लगा की याश्मिन सेण्टर जाती है और हम लोग महिलाओ की पढाई और उन्हें जिंदगी में कामियाब होने के लिए प्रेरित करते है । मैंने अंटी और अंकल से कहा कभी ऑफिस आइये बाकी किशोरियों से भी मिलिये । अंकल ने मुझे उनके पड़ोस में उनकी चाचा की लड़की दिखाई जिसकी उम्र 19 साल की है और उसके पिता उसे पढ़ने नहीं देते बहुत मरता है । मैंने कहा आपने उन्हें समझाया नहीं की बच्ची के साथ ऐसा ना करे? अंकल ने कहा बहुत समझाया। अब हम दोनों बात भी नहीं करते पर इस बच्ची को देख कर बहुत बुरा लगता है । अपनी बच्ची जैसी है पढ़ लिख जाती तो कुछ बन जाती । आप कुछ कर सकते है इसके लिए , मैंने कहा जब तक ये हमारे पास न आये तब तक तो हम कुछ कर नहीं सकते फिर भी में कोशिश करुगी की किस तरह ऐसे बच्चो को अपने साथ जोड़ा जाये । तभी मैंने पूछा अंकल आप लोग क्या बनाना चाहते हो याश्मिन को - ये सवाल सुनते ही चहरे पर मुस्कुराहट आ गयी। उन्होंने कहा की मेरी बेटी IAS अधिकारी बने मै यही चाहता हूँ ।
रूबी हमे लेने याश्मिन के घर पहुच गयी थी । रूबी के घर में 4 बहने और माता है। 2006 में उसके पापा की मौत बीमारी की वजह से हुई । तब से अंटी घर संभालती है । अंटी ने हमसे बहुत प्यार से बात करी और बताया किस तरह परेशानियाँ उठाके इन तीनो लड़कियों को पाल रही हूँ । वो चाहती है सभी अच्छी अच्छी जॉब करे । उनकी तरह घरो में खाना ना बनाये । इसलिए वो सभी को पढ़ने के लिए बोलती रहती है । वह बहुत खुश है की रूबी सेण्टर आके बहुत कुछ सीखी है । उसमे हिम्मत बढ़ गयी है । उन्हें अपने घर से बहुत दिक्कत है छोटा सा कमरा है, नहाने की जगह नहीं है सभी को छत पर नहाना पड़ता है । नहाने और बाथरूम जैसी जगहों पर भी हम लोग चेन से नहीं रह सकते है । अंटी ने बहुत प्यार किया हमे और आते रहने के लिए कहा, हमने वहां से विदा लिया तीसरी किशोरी के घर तरफ हम बढ़े ।
हमे जाना था रेनू और प्रीती के घर। पर रास्ते में चांदनी और नाज़नी का घर पड़ गया। काफी दिनों से वो टेक सेण्टर आ ही नहीं रही थी इसलिए हम उनके घर चले गये। घर गये तो पता चला की उनकी बहन का पति उसे बहुत मरता है जिस वजह से उसके घर में बहुत तनाव हो रहा है और वो सेण्टर नहीं आ पा रही है । हमने उनसे कहा आप अपनी बहन और माता से कल हमसे मिलवाना हम उनसे बाते करना चाहते है ।
चादनी की बहन 23 साल की है । 19 साल की उम्र में उसकी शादी करवा दी गयी थी । उसका पति कुछ नहीं करता है । अपनी बीवी को मरना और जबरदस्ती सेक्स करना ही उसका काम है । उसे बच्चा नहीं चाइये था इसलिए जब उसकी बीवी के पेट में बच्चा था तब उसने हर संभव कोशिश की उसे मारने की पर किसी तरह पहला बच्चा बच गया पर बचने के 7 महीने बाद वो मर गया। लड़की का कहना है की उसके पति ने जादू टोना करवाया था इसलिए बच्चा मर गया। इसी तरह जब दूसरा बच्चा पेट में आया तो उसके पति ने लड़की पर इल्जाम लगाया ये मेरा बच्चा नहीं है , तेरे आशिक का है , तेरा किसी और से सम्बन्ध है । गिरा दे इस बच्चे को , लड़की के हाथ पाव बाधकर उसे मारता था । इसी वजह से दूसरा बच्चा जब पैदा हुआ तो वो मरा हुआ था । इसी तरह उसने अपनी बीवी को बहुत बार बुरी तरह से मारा ,पिटा ,गला दबाया और जबरदस्ती सेक्स किया और अंत में बच्चा गिर दिया ।
फिर हम प्रीती और रेनू के घर गये । छोटा सा कमरा जहा पर रेनू खाना बना रही थी और उसका एक भाई टीवी देख रहा था । मम्मी प्रीती को लेकर काम करने गयी थी । रेनू के घर के बहार टॉयलेट था और बहुत बुरी तरह महक रहा था । रेनू ने बताया की टॉयलेट और नहाना भी यहाँ मुस्किल है हम तो कपड़े पहन कर नहाते है और कम टॉयलेट जाते है । उसके घर में कोई भी शाम से पहले नहीं लौटने वाला था इसलिए हम वहा ज्यादा नहीं बैठे और आखरी किशोरी रेखा के घर गये ।
रेखा का घर अलग से था । 2 कमरे, टॉयलेट और बाथरूम सब कुछ अपना था । हमने उसकी भाभी से बात करी और उनसे जाना की उनकी शादी किस उम्र में हुई थी उन्होंने बताया 22 साल की उम्र में, अभी उनका एक बच्चा भी है । वो हमारे सामने भी घुघट डाले हुए थी मैंने कहा ये घुघट क्यों डाला है । उन्होंने कहा डालना पड़ता है बड़ो के सामने , मैंने कहा हम बड़े नहीं है। उनका कहना था आदत पड़ गयी है, आखिर बड़ो की इज्ज़त का सवाल है । मै कुछ बोलती इस से पहले लड़कियां बोल पड़ी घुघट से कोई इज्ज़त नहीं मिलती बड़ो को , ये तो सारे रूल हम औरतो को दबाने के लिए है ताकि हम उनके सामने हमेशा झुकी रहे ,कुछ न बोले। मैंने भी उनकी बातो से सहमती भरी और कहा ये आकर्षण से बचने का भी उपाए है । आदमियों को लगता है की हमारी बीवी, बहन और माँ को कोई देखेगा उस पर आकर्षित होगा । इस से बचने के लिए उन्हें घुघट में रखो । मैंने उन्हें कहा कभी रेखा के साथ हमारे सेण्टर आये , हम और भी बहुत सारी बाते करेगे । फिर हमने उनके सामने थोड़ी हिंसा की बात करी , किस तरह जम्रुदपुर में लडकियों पर हिंसा हो रही है । कही उन्हें पढने नहीं दिया जा रहा कही उन्हें मारा जा रहा है। ऐसा किसी के साथ भी हो आप सब लोग मिल क्र आवाज़ उठाये और इसका विरोध करे । गलती को बढ़ने मत दे ।
मै जमरुदपुर की बहुत कहानियाँ अपने साथ लेके जा रही थी और सोच रही थी इन सभी परेशानियों का कब अंत होगा। तभी मुझे याश्मिन ने बताया की एक लड़के की वजह से वह बहुत परेशान है। वो उसे आते जाते गन्दी बाते बोलता है , गर्लफ्रेंड बनने को बोलता है । वह उसका भाई है ,चाचा का लड़का ,पर हमारे यहाँ चाचा के लड़के से भी शादी हो सकती है इसलिए कुछ लोग इसका फयदा उठाते है । उसने अपने घर वालो को ये बात बताई और उसके घर वालो ने उस लड़के को और उसके घर के लोगो से भी बात करी पर ज्यादा फायदा नहीं हुआ वह कुछ दिन शांत रहा फिर छेड़ने लग गया है । मै डरती हूँ अगर मैंने उसके खिलाफ पुलिस को कुछ बोल तो वो मेरे से इसका बदला ना ले , मै क्या करू । मैंने सलहा दी जो भी करना अपने परिवार वालो के साथ करो। उन्हें फिर बताओ की वो पीछे पड़ रहा है । तुम अकेले करोगी तो उसे हिम्मत आयेगी कुछ करने की। वही पूरा परिवार होगा तो वो डरेगा कुछ भी करने से , फिर से परिवार से बात करो ।
जब किशोरियाँ टेक सेण्टर आती है तब उनके चेहरों से पता चलता है परेशानी है । पर उस परेशानी की जड़ कितनी गहरी है और उसका उनकी जिंदगी पर क्या प्रभाव पड़ रहा है वो बस्ती जाके पता चलता है । हर गली में खतरा , पड़ोस के घर में एक औरत पिट रही होती है । सभी किशोरियों पे घर के काम का भार इतना है की बचपन और पढाई का कोई मोल नहीं होता । सेण्टर आके तो हम उनसे बहुत सारे मुद्दों पर बात करते है, उन्हें हिम्मत दिलाते है। घर पे भी कुछ एक दो लोग होते है यास्मिन के माता पिता जैसे जो साथ देते है। पर उनकी हिम्मत तोड़ने वाले हजारो लोग उनकी गलियों, घरो में छुप कर बैठे है। जब भी दीखता है कोई किशोरी हिम्मत वाली बन रही है तो उन को मारा जाता है, डराया जाता है, उन पर हमले किये जाते है, उन्हें एहसास दिलाया जाता है की तुम लड़की हो अपनी मरियादा में रहो। पर इतने सबके बाद भी ये किशोरियाँ लड़ रही है अपनी आज़ादी के लिए, अपने हक़ के लिए, अपने सम्मान के लिए और इनका भरोसा है बदलाव आएगा । हम नहीं भी देख पाए तो क्या हमारे बाद की किशोरियाँ ये बदलाव देखेगी ।
Translation in English by My Fight Against Partriarchy Team
Zamrudpur is a place where on one side you have the big houses and apartments and on the other side one room houses and the slums .In these one room houses, you have 7 members living together and 70 people using the same bathroom and toilet. The girls told us that they bathe wearing their clothes. If you go to these houses you will spot young girls between the age of 16 and 22 doing domestic work and taking care of children. Also, its not as if they just have one kid, they have 4 to 5 kids. When I met a 21 year old girl , I asked her, you already have 3 children and you are carrying the fourth one, how will you take care of them in a time when everything is so costly? Her reply was ' My parents got me married at the age of 16. I had no idea as to how kids are born. Till the time I figured it out I had already had 3. After I give birth to the fourth one, I will opt for sterilisation so that we don't have any more children.'
What I just told you was the state of the households in Zamrudpur, now I will tell you about what I experienced when I visted some of the houses of the girls.
Our first stop was Yasmin's home.They had a one room house with a bathroom and toilet of their own. Yasmin lives with her 3 brothers and parents. Yasmin is pampered and loved by everybody in the family. As soon as we entered the house ,Uncle started talking to us, he told us that he hasn't been keeping very well, the condition is not good at home too and they could not have even thought of teaching Yasmin computer.`With your help she is learning computer and so many other good things. Yasmin tells us everything that she learns at your Centre. I pray to Allah to give you a long life for doing such good deeds’. Then he asked me about all the people who taught at the centre. I told him that they want to teach the children Maths and Science and so they come to teach every week without fail without asking for anything in return.Computer and English is taught by two of our office members.After some time, Auntie also joined us.She also appreciated Yasmin going to the Tech center and our effort to motivate girls and women toward education and being successful in life. I requested Uncle and Auntie to come over to the office and meet with other young girls. Uncle showed me in his neighborhood, his uncle's daughter, aged 19 years and told me about how her father doesn't allow her to study and beats her up. I asked him whether he tried to convince him to not do so with his daughter? Uncle said he tried a lot. `Now we do not even talk to him but when we see the child we feel bad. If she studies like our daughter, she may also become something in life.’ He asked us if we could do anything for her and I told him that till the time she doesn't come to us, we can't really do anything , however I will try to somehow get associated with such children. Then I asked Uncle what does he want his daughter Yasmin to become and the moment he heard the question, a smile lit up his face. He said that I want my daughter to become an IAS officer.
Ruby had reached Yasmin’s house to pick us up. She lives with four sisters and her mother. In 2006, her father died of a fatal illness. Since then, auntie (Rubi’s mother) takes care of all needs of the family and household. Auntie spoke to us with a lot of affection and told us about the kind of troubles she has to go through to raise her daughters. She wants each of them to get good jobs, and cook in other’s houses like her. This is why she keeps telling all of them to study. She is very happy that Ruby comes to the centre and learns so many things. Her courage has increased tremendously. They are very uncomfortable in their house – there is one small room, no place to bathe, everybody has to bathe on the terrace. They said its difficult for them to be comfortable or at peace even in places meant for bathing and restrooms. Auntie was most loving towards us and told us to keep visiting. We took our leave from there and started moving towards the next girl’s house.
We were supposed to go to Renu and Preeti’s house, but found Chandni and Naazni’s house on our way. They had not been coming to the tech centre for a while and so we decided to go to their house. When we reached, we learned that their sister’s husband was beating her up, which is why the family was going through a lot of tensions and the girls could not come to the centre. We told the girls we wanted to meet their sister and mother the next day.
Chandni’s sister is 23 years old. She was married off when she was 19. Her husband does not do anything except beat up his wife and forcefully have sex with her. He did not want a child, and so, when his wife got pregnant, he tried everything possible to kill the child, but somehow the child survived. Yet 7 months later, the child passed away. The girl believes that her husband used dark magic to kill the child. The same way when the second child was conceived, the husband blamed the girl to have extra marital relations, and said it was not his child, but her lover’s. He told her to abort the child, and would tie her hands and feet and beat her up. Because of this, the child was born dead. In this way, he had beat his wife and tried to strangle her several times and for the third time, she finally did abort her baby.
After this, we went to Preeti and Renu’s house. It was a small room where Renu was cooking and her brother was watching TV. Their mother had taken Preeti and gone to work. The toilet outside their house smelled very bad. Renu told us that even going to the toilet or taking a bath was difficult for them, and they take a bath with their clothes on and try to go to toilet as less as possible. Nobody in their house was returning before evening, so we did not spend much time there and went over to the last girl, Rekha’s house.
Rekha’s house was located separately. They had two rooms, a toilet and a bathroom all to themselves. We spoke to her sister in law and learned that she got married at the young age of 22 and even has a child today. She was wearing a veil even in front of us, so I asked why she is wearing a veil. She said she had to wear it in front of the elders, so I told her we weren’t elders. She said that she had got into the habit, finally it was the question of the respect of the family and its elder members. Before I could say anything, the girls started saying that a veil is not a sign of respect for elders; all these rules have been made to press us women down so that we always remain bowed in front of them. I too agreed with them and said that this is also of a way of saving oneself from attraction. Men believe that if their wives, sisters or mothers are seen by other men, they will be attracted to them. To avoid this, women must be kept in veils. I told her that she should come to the centre with Rekha someday, and we will talk about several other things. We then spoke a little about violence in front of her, and about how the girls of Zamrudpur are being inflicted with violence. In some places they are not being allowed to study and in some they are being beaten up. If this happens with anybody, everyone of you should raise your voices together and oppose it. Don’t let this mistake go forward.
I was taking several stories of Zamrudpur with me and thinking of when all these problems will come to an end. It was then that Yasmin told me that she was very troubled because of one boy. He would say cheap things to her whenever they saw each other and ask her to be his girlfriend. This was her cousin brother – her uncle’s son, but in their community it is acceptable for cousins to marry and some people take advantage of this. She spoke to her family about this and they spoke to the boy and his family but things did not change much. For some days he remained calm, but began troubling her again after a while. She said she is scared that if she files a police complaint against him, he would seek revenge. She asked me what I should do. I advised her that whatever she does, she must do it with her family – tell them again that he is getting after her. If you take action alone, he will feel powerful enough to do something. At the same time if the whole family takes action, he would be scared to do anything.
When girls come to the tech centre, their faces reflect their problems. But how deep the roots of these problems are, and how their lives are affected by them can only be known after going to the basti or the lanes. Every gully reeks of danger, and there is a woman being beaten up in the neighbouring house. All girls bear the burden of housework to such an extent that their childhood and studies have little value. At the centre, we can talk to them about various issues and give them courage. At home, there are one or two supportive people like Yasmin’s parents. But there are thousands of people hiding in these houses and gullies, who break this courage. Whenever they feel that a girl is becoming courageous, they beat her up, scare her, attack her and remind her that women must stay in their limits. But even after all this, these girls are fighting for their freedom, their rights, respect and they believe that change will come. Even if we are not able to see it, girls after us will see this change.
(All names have been changed)
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